पीएमएसएस योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री स्कालरशिप योजना है | यह योजना 2006-07 में शुरू हुआ था व सर्कार द्वारा बनाया गया था ताकि पूर्व सैनिकों, तट रक्षक कर्मचारी के बच्चे और विधवा कॉलेज जा पाएं तथा अपन करियर के हेतु आशयक जानकारी प्राप्त कर पाएं । यह योजना केंद्र सरकार की योजना है।
What is PMSS yojana?/पीएमएस योजना किया है ?
हर साल पूर्व सैनिकों के 5500 बच्चों (2750 लड़के व 2750 लड़कियां) को स्कूली पढाई में मदद देने के लिए विशेष छात्रवर्ती मिल सकती है | इन छात्रों को 1 से 5 साल तक राशि दी जाती है जो उनका स्कूल कार्यक्रम कितना लम्बा है उस पर निर्भर करता है ] लड़कों को हर महीने 2500 मिलते है और लड़कियों को उनकी शिक्षा के खर्च के लिए 3000 मिलते है |
Advantages of PMSS yojana/पीएमएस योजना के फायदे
- लड़कों के लिए छात्रवर्ती 2500 है और लड़कों के लिए 3000 |
- हर वर्ष चयनित छात्रों को संबंधित नियामक निकायों द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रमों की अवधि के अनुसार एक से पांच वर्ष की अवधि के लिए छात्रवृत्ति राशि प्राप्त होती है।
- प्रत्येक वर्ष में कुल 5500 (2750 लड़के और 2750 लड़कियाँ) भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों/विधवाओं को छात्रवृत्ति के लिए चुना जाता है।
Elgibility/पात्रता
- आवेदक प्रथम वर्ष (लेटरल एंट्री और इंटीग्रेटेड कोर्स को छोड़कर) में प्रवेश प्राप्त छात्र होना चाहिए।
- आवेदन करने के लिए, आपको अपने स्कूल (10+2), डिप्लोमा या कॉलेज की पढ़ाई में कम से कम 60% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने होंगे। आपको जिस कोर्स को करना है, उसके आधार पर आपको जो सटीक स्कोर चाहिए वह अलग-अलग हो सकता है। इसकी सूचि आपको यहां से प्राप्त होगी https://shorturl.at/vfDYV
- आवेदक भूतपूर्व सैनिक या भूतपूर्व तटरक्षक कार्मिक का आश्रित वार्ड/विधवा होना चाहिए
पीएमएसएस योजना आधिकारिक वेबसाइट लिंक:- https://www.desw.gov.in/prime-ministers-scholarship-scheme-pmss
Preference for Scholarship Grant/छात्रवृत्ति अनुदान के लिए वरीयता
विद्यार्थियों के चयन हेतु वरीयता क्रम निम्नानुसार होगा –
बाघ-1 वीरगति प्राप्त हुए पूर्व सैन्यकर्मियों/पूर्व तटरक्षक कर्मियों के आश्रित एवं विधवाएँ |
बाघ-2 सैन्य/तटरक्षक सेवा के दौरान विकलांग हुए ईएसएम/पूर्व तटरक्षक कार्मिकों के बच्चे और विकलांगता के कारण सेवा से बाहर हुए। |
बाघ-3 ईएसएम/पूर्व तटरक्षक कार्मिकों के आश्रित और विधवाएं जिनकी सेवा के दौरान सैन्य या तटरक्षक सेवा से संबंधित कारणों से मृत्यु हो गई |
बाघ-4 सेवानिवृत्त तटरक्षक और ईएसएम वार्ड जो सेवा के दौरान विकलांग हो गए हैं और जिनकी चिकित्सा स्थिति सेना या तटरक्षक में उनके कार्यकाल से संबंधित है। |
बाघ-5 ईएसएम/पूर्व तटरक्षक कार्मिकों के आश्रितों और विधवाओं को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। श्रेणी 6 ईएसएम/पूर्व तटरक्षक कार्मिकों के आश्रितों/विधवाओं को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गएपीबीओआर के लिए सिर्फ | |
Application Procedure/आवेदन प्रक्रिया
ध्यान दीजिये : एक व्यक्ति केवल एक ही कोर्स के लिए आ सकता है |
चरण-1 scholarships.gov.in पर नेशनल स्कालरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर जाएं |
चरण-2 नए रेजिस्ट्रशन पर दबाएं |
चरण-3 आवेदन दिशानिर्देश ध्यान पूर्वक पढ़ें |
चरण-4 रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर दिया गया आवेदन आईडी और पासवर्ड या लॉगिन क्रेडेंशियल का इस्तेमाल करके पोर्टल पर लॉग इन करें |
चरण-5 रेजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मिले ओटीपी को वेरीफाई करें और पासवर्ड बदलें |
चरण-6 आवेदन भरें|
चरण-7 जरुरी डाक्यूमेंट्स की स्कैन की गई कपीस अपलोड करें|
चरण-8 आवेदन की स्थिति पर ध्यान दीजिये|
Documents needed to upload/डाक्यूमेंट्स जीने अपलोड करना जरुरी है
चरण-1 अनुबंध 1.2 और 3 |
चरण-2 पासपोर्ट के आकर को तस्वीर |
चरण-3 भूतपूर्व सैनिक/पूर्व तटरक्षक का प्रमाण पत्र |
चरण-4 नाम और खाता संख्या दिखाने वाली पासबुक की प्रमाणित फोटोकॉपी |
चरण-5 खाता संख्या दर्शाने वाले खाली रेखांकित चेक का रद्द किया गया पत्रक |
Boycott/बहिष्कार
अर्धसैनिक कार्मिकों सहित नागरिकों के बच्चे योग्य नहीं हैं|
जो बच्चे बहार से अपनी शिक्षा ग्रहण कररहे है वो इस योजना के पात्र नहीं बन सकते हैं |
इस छात्रवृत्ति योजना हेतु पटिएक पूर्व सैनिक के केवल दो बच्चे ही योग्य हैं।
Disadvantages/नुकसान
- सिमित पात्रता
- छात्रवर्ती राशि
- छात्रवृत्तियों की सीमित संख्या
- नवीनीकरण आवश्यकताएँ
- ज्योग्राफिकल सीमाएं
- आवेदन प्रक्रिया
- विलंबित संवितरण
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