छात्रों ने अदालत से अपने लीगल स्टेटस को बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि न तो उन पर कोई अपराध का आरोप लगाया गया है और न ही उन्होंने कोई इमिग्रेशन कानून तोड़ा है. छात्रों ने कहा कि वे किसी राजनीतिक मुद्दे को लेकर कैंपस में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में भी एक्टिव नहीं थे.