कपिल सिब्बल ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता लोकतंत्र की बुनियाद है, और ऐसे में उस पर इस तरह के राजनीतिक हमले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने उपराष्ट्रपति के बयानों को ‘राजनीतिक’ करार देते हुए कहा कि उन्होंने आज तक किसी राज्यसभा सभापति को ऐसे बयान देते नहीं देखा.